‘यह जीवन है' (मुक्तक)
~~
पास कौन हो रहा है, हो रहा है कौन फेल।
है अबूझ देखिए तो, जिन्दगी का घालमेल।
आईना दिखा रहा है, सामने सभी के सत्य।
किन्तु भा रहा सभी को, स्वार्थ साधने का खेल।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ०९/०३/२०२३
No comments:
Post a Comment